सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर समाज का विकास करें,: डॉ. शिव डहरिया
सतनाम संदेश शोभा यात्रा में पहुंचे पूर्व मंत्री ने सामुदायिक भवन का फीता काटकर किया लोकार्पण
राजिम 16 दिसंबर। शहर के घासीदास मंदिर में परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास के जयंती के पूर्व सोमवार को संत बाबा खूब लाल टंडन के सानिध्य में सतनाम संदेश शोभायात्रा निकल गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधु सम्मिलित हुए। यात्रा के दौरान बाबा घासीदास की जोरदार जयकारा होता रहा तथा पंथी नृत्य का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर शाम को 5:30 बजे प्रदेश के पूर्व नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया पहुंचे। इन्होंने सामुदायिक भवन का फीता काटकर लोकार्पण किया। इस मौके पर सतनामी समाज तहसील परिक्षेत्र के अध्यक्ष तुलेश्वर धृतलहरे, जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति मधुबाला रात्रे, फिंगेश्वर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष रुक्मणी मांडले, सरपंच कोमा भुनेश्वरी बंजारे राजिम परिक्षेत्र के कार्यकारी अध्यक्ष राकेश मांडरे, संयोजक डॉ. आनंद मतावले, मुन्ना कुर्रे, रामविशाल ओगरे, चतुर मंडल, सहदेव बंजारे, बेनीराम सोनवानी, ईश्वर रात्रे, शशि कला रात्रे, विष्णु जांगड़े, भागचंद चतुर्वेदी, देव प्रसाद बघेल, कमलेश बघेल ,किरण टण्डन,सनत चेलक,कोमल ढीढी,थानेश्वर बंजारे, धनेंद्र टण्डन,मिलाप बंजारे,धरमुदास कुर्रे,देवानन्द मन्नाडे सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में रक्तदान भी किया गया। रक्तदान करने वालों को पूर्व मंत्री डहरिया ने प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले लोगों को भी स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि सन् 1756 में गुरु घासीदास बाबा ने गिरोदपुरी में जन्म लेकर समाज को रास्ता दिखाया है तथा सत्य, अहिंसा के रास्ते पर चलकर समाज का विकास करना है। जब बाबा जी ने जन्म लिया तब समाज में तरह-तरह की कुरीतियों मौजूद थे उन्होंने न सिर्फ सतनामी समाज बल्कि हर समाज के लोगों को बराबर का दर्जा देते हुए मनखे मनखे एक समान कहा। उनके विचार, उपदेश, वाणी सबके लिए उपयोगी है। आजादी के पहले हमारा संविधान बनाया गया जिसमें महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल आजादी के आंदोलन के बड़े नेता थे। बाबा साहब अंबेडकर जी बचपन में बहुत ज्यादा दुख और तकलीफ सहे थे उन्हें मालूम था कि अनुसूचित जाति के लोगों के विकास को रोके जाते हैं। जब संविधान बना तो समानता का अधिकार, शिक्षा के अधिकार, रोजगार के अधिकार, राजनीतिक क्षेत्र में काम करने का अधिकार और अभिव्यक्ति के अधिकार संविधान के माध्यम से मिला है। हमारा संविधान सुरक्षित रहेगा तो हमारा अधिकार सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज जो अधिकार हमें मिले हुए हैं उन्हें कम किया जा रहा है। नौकरी वाले गुरुजी के पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिए हैं। यह हमें संविधान प्रदत्त है लेकिन न्यायालय और सरकार के माध्यम से धीरे-धीरे हमारे आरक्षण को खत्म करने की कोशिश किया जा रहा है। यदि शिक्षा विभाग को बेंच देती है और उनको चलाने का अधिकार अडानी और अंबानी को देती है तो वह आरक्षण तो नहीं देगी। ऐसी व्यवस्था आज किया जा रहा है इस बात को हमें समझना है। हमारा संविधान सुरक्षित रहे इसके लिए हम सबको मिलजुल कर काम करना है। शिक्षा के साथ-साथ आर्थिक क्षेत्र में भी हमें काम करना है। उन्होंने आगे कहा कि मैं जब मंत्री था तब पढ़े लिखे लोग चपरासी की नौकरी के लिए आते थे। मैकेनिकल इंजीनियर चपरासी की नौकरी मांग रहे थे मैंने उन्हें मशीन वाले दुकान खोलने की एडवाइस दी और कहा कि दो चार लोगों को आप खुद नौकरी दो। उन्होंने बलौदाबाजार घटना का भी जिक्र किया और कहा कि इस घटना में कुछ असामाजिक तत्व के लोगों को घुसाया गया। समाज के लोगों ने हिंसा नहीं किया है। जितने लोग जेल में बंद है वह कांग्रेसी और सतनामी समाज के लोग हैं। भाजपा के लोग जिन्होंने मंच में रहकर भाषण दिया। उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कार्यक्रम का संचालन सुघरमल आड़े ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे। शानदार आतिशबाजी के साथ पूर्व मंत्री का स्वागत किया गया।