धमतरी पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद भी मगरलोड थाना प्रभारी नहीं कर रहे हैं कोई कार्यवाही चोर और पुलिस के बीच बना है पहेली
सरकारी आवास में चोरी का मामला, आज 4 दिन बीत जाने के बाद भी चोर पुलिस की पहुंच से दूर नगर में चर्चा व्याप्त
पत्रकार कैलाश टांडे छत्तीसगढ़
धमतरी-मगरलोड कहतेहैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं, पर लगता है कि नगर पंचायत मगरलोड भैंसमुंडी में यह धारणा फिट नहीं बैठती। चोर, लुटेरों ने तो अब तक यही साबित किया है। अपराधियों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि पुलिस का हर प्लान इनके सामने फेल हो रहा है। नगर में वारदातें कम नहीं हो रहीं। बदमाश आगे और पुलिस पीछे-पीछे। नगर पंचायत मगरलोड भैंसमुंडी के सरकारी आवास में हुई चोरी के बारे में आपको बता रहे हैं,जहां लक्ष्मी टांडे पति कैलाश टांडे चतुर्थ वर्ग राजस्व विभाग अस्थाई निवास वार्ड क्रमांक 4 सुभाष चंद्र बोस वार्ड नगर पंचायत मगरलोड जिला धमतरी में विभाग द्वारा आवंटित सरकारी आवास में अपनी परिवार के साथ निवास करती है। जो दिनांक 30.10.2024 दिन बुधवार करीब शाम 6:00 बजे अपनी ड्यूटी से आने के बाद दिवाली मनाने अपने परिवार पति एवं दो बच्चो के साथ अपनी पैतृक निवास ग्राम कौदकेरा जिला गरियाबंद चली।
पुनः दिवाली का त्यौहार मनाने के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने हेतु दिनांक 4.10.2024 दिन सोमवार को सुबह करीब 8:00 बजे अपने सरकारी आवास पहुंची तो पता चला की आवास के पीछे दरवाजा टूटा हुआ था, अंदर जाने के बाद देखे तो कमरे का पूरा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ था,आवास में लगी टीवी एवं चांदी की कीमती सामान गायब था,तुरंत इसकी लिखित सूचना तहसीलदार एवं आवास से 100 मीटर की दूरी पर लगे थाना में दी गई। सूचना के तीन-चार दिन बीत जाने के बाद थाने में ना F I R हुआ है, और न ही आज तक चोर का कोई पता चल पाया है।
आपको बताते चली की जी जिस वार्ड (मोहल्ले) में चोरी हुआ है उस मोहल्ले में कई विभाग के कर्मचारी निवास करते हैं इस घटना के बाद वहां पर निवास करने वाले कर्मचारी एवं उनके परिवार सहमे हुए हैं। नगर में यहां भी चर्चा व्याप्त है कि जिस आवास में चोरी हुआ है उस आवास के पीछे कारगिल उद्यान लगा हुआ है, जिस उद्यान में आए दिन असामाजिक तत्व के गंजेड़ी, नसेड़ी छपरी लोग आए दिन इसी उद्यान में बैठकर नशा करते हैं, उद्यान को अपना अड्डा बने हुए हैं।
सरकारी आवास में हुए इस वारदात से आखिर कब उठेगी पर्दा,या फिर चोर आगे आगे और पुलिस पीछे का चलता रहेगा खेल।