विश्व का अजूबा इंदौर में डॉक्टरों द्वारा मृत प्रमाणित महिला इंदौर में जीवित हुई - chhattisgarhkaratan

chhattisgarhkaratan

भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मान्यता प्राप्त छत्तीसगढ़ रत्न

Home Top Ad

Post Top Ad

Popular Posts

Saturday, 9 November 2024

विश्व का अजूबा इंदौर में डॉक्टरों द्वारा मृत प्रमाणित महिला इंदौर में जीवित हुई

 विश्व का अजूबा इंदौर में 

 डॉक्टरों  द्वारा मृत प्रमाणित महिला इंदौर में जीवित हुई

 






यह घटना 1989 की है श्रीमती राखी अग्रवाल निवासी इच्छलकरंजी को जब हमारे इंदौर स्थित चिकित्सा केंद्र पर लाया गया तब उनकी स्थिति मरणासन्न थी, और मुंबई के जे जे हॉस्पिटल के सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शरद पांडे, डॉ प्रभाकर राव स्त्री रोग विशेषज्ञ वह अन्य चिकित्सकों ने  उनकी स्थिति को लाक्षणिक मृत्यु घोषित किया था।क्योकि उसे Aorto Arteritis की प्रॉब्लम थी जो लाखो में किसी एक को होती हैं ओर यह एक दुर्लभ बिमारी थी। पेशेंट की यह स्थिति 1984 से 1989 तक बनी हुई थी । जब मरणासन्न अवस्था में  पेशेंट को केंद्र पर लाया गया तो  पुनः चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर के सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एम सी अजमेरा ने परीक्षण किया और लिखित में स्वीकार किया कि  पेशेंट का ब्लड प्रेशर व प्लस रेट पूरी तरह से गायब है बिलकुल नहीं मिल रहा हैं ओर यह एक लाईलाज रोग है। डॉ सुधीर खेतावत ने जब पेशेंट को देखा तो एक बार वह भी हतप्रभ रह गए आशा निराशा का लक्ष्मण झूला डाक्टर व पेशेंट के मध्य हिचकोले ले उठा। किंतु पेशेंट की आंखों में झांकता निराशा का सागर डॉक्टर साहब को भी अंदर तक झकझोर गया, होठों से निकलने वाली न हाँ में बदल गई डॉक्टर सुधीर खेतावत ने अपने स्नेहिल स्पर्श से जैसे ही पेशेंट का उपचार आरंभ किया लगा, मानो समय ठहर गया उपचार प्रारम्भ करने के पहले इलेक्ट्रानिक ब्लड प्रेशर मशीन शून्य दर्शा चुकी थी। जैसे-जैसे चिकित्सा  हुई वैसे-वैसे पेशेंट के मन से निराशा के बादल छटने लगे और जीवन का सफर बढ़ने लगा और जब इलेक्ट्रॉनिक ब्लड प्रेशर मशीन पर पेशेंट ने अपना ब्लड प्रेशर व पल्स की रीडिंग देखी तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए।सब ओर प्रसन्नता की लहर दौड़ गई।ओर जब यह खबर अखबारों में प्रकाशित हुई तो देश विदेश से डॉक्टर सुधीर खेतावत को बधाईयो का तांता लग गया ।

                  

Post Top Ad