छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही आईएसबीएम यूनिवर्सिटी कलेक्टर को कराया अवगत - जिलाध्यक्ष
खेलन महिलांगे स संपादक गरियाबंद
छत्तीसगढ़ गरियाबंद आज का ताजा समाचार छुरा:-आदिवासी अंचल में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के नाम पर चल रही नवापारा कोसमी की आईएसबीएम यूनिवर्सिटी छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू हो गई है अंचल के किसान ,श्रमिक के बच्चों के भविष्य पर अब प्रश्न चिन्ह लग गया है।इस यूनिवर्सिटी में आज से ऑनलाइन परीक्षा प्रारंभ हुई है किंतु सैकड़ों छात्र- छात्राएं यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के हठधर्मिता के कारण परीक्षा से वंचित हो गए क्योंकि उन्हें परीक्षा से वंचित केवल इसलिए वंचित कर दिया गया क्योंकि विद्यार्थी पूरी फीस जमा नहीं कर पाए, बहुतों को केवल इसलिए वंचित होना पड़ा कि उन्होंने मात्र दस बीस प्रतिशत शुल्क जमा नहीं कर पाए जबकि अस्सी नब्बे प्रतिशत जमा हो चुका है। श्रमिक एवं कृषक वर्ग के अध्ययनरत छात्रों को कोरोना काल के दौरान मात्र फीस के लिए परीक्षा से वंचित करना यूनिवर्सिटी की घृणित मानसिकता को दर्शाता है। वाइस चांसलर पैसे के दम पर किसी भी समस्या से अधिकारियों से निपटने की बात करते हैं।बच्चों को परीक्षा से वंचित किए जाने पर छत्तीसगढ़ श्रमिक संगठन मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष रूपनाथ बंजारे वाइस चांसलर से मिलने गए और विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित ना करने का निवेदन किया तो उन्हें दो टूक शब्दों में कह दिए कि पैसे की समस्या आपका है जब तक पूरी फीस जमा नहीं करेंगे मैं किसी भी स्थिति में किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने नहीं दूंगा। छात्रों से चर्चा के दौरान छात्र उत्तम सिन्हा बीएससी अंतिम ने बताया कि ₹11000 में से ₹6000 जमा किया जा चुका है शेष पांच रुपए जमा करने गया तो उसे 10,000 बकाया बताकर परीक्षा से वंचित कर दिया गया। छात्र महेंद्र यादव बीएससी अंतिम के पास स्मार्टफोन नहीं होने से परीक्षा से से वंचित होना पड़ जायेगा।कुमारी सुषमा साहू के ₹6000 बकाया होने के कारण वंचित किया जा रहा था जिन्होंने अपने पैसा लेकर ₹6000 जमा किया तब उन्हें आईडी पासवर्ड देकर परीक्षा में बैठाया गया अन्यथा उन्हें भी वंचित कर दिया जाता।जबकि उनके कई सहपाठी फीस नहीं जमा करने के कारण परीक्षा से वंचित हो गए बंजारे ने बताया कि ऐसे कई विद्यार्थी भी हैं जिनका फीस जमा हो चुका है उन्हें आईडी पासवर्ड नहीं दिया गया है जिससे परीक्षा से वंचित हो गए।यह के मुख्या समझते है कि कितनो आये कितनो गये ऐसे-ऐसे।यहाँ के वाइस चांसलर का बात करने का बर्ताव ठीक नहीं है जो घृणा जैसे बात करते हैं।जबकि कुलसचिव शांत स्वभाव से बात करते हैं। शासन प्रशासन से गुहार लगायी है कि ऐसे यूनिवर्सिटी पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर उचित कार्यवाही करें। नही तो आंदोलन या धरना प्रदर्शन
करेंगे। लवेश चंद्राकर जिनका द्वितीय वर्ष की अंकसूची प्राप्त नहीं हुई है उन्हें तृतीय वर्ष में परीक्षा के लिए शुल्क जमा करने बाध्य किया पश्चात उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई ।निजी यूनिवर्सिटी होने के कारण यहां कुलसचिव, वाइस चांसलर अपनी मनमानी कर रहे हैं व आदिवासी अंचल के विद्यार्थियों को कोरोना काल में भी प्रताड़ित कर रहे हैं जबकि शासन प्रशासन शिक्षा के लिए वाहवाही लूट रही हैं इधर निजी यूनिवर्सिटी वनांचल के श्रमिकों को लूटने का व्यवसाय कर रही हैं। बंजारे ने कहा.कि इस लूट पर रोक लगनी चाहिए। इस मौके पर रामनारायण साहू, महेंद्र यादव, लवेश चंद्राकर, प्रवीर नायक उपस्थित थे।तत्पश्चात रूपनाथ बंजारे ने इस संबंध में कलेक्टर महोदय को इस गंभीर समस्या के बारे में अवगत कराते हुए।शीघ्र समस्या पर संज्ञान लेने की बात कही तब कलेक्टर ने आवेदन आने पर तत्काल संज्ञान में लेने की बात कही और जांच करने का आश्वासन दिया गया।
खेलन महिलांगे स संपादक गरियाबंद
छत्तीसगढ़ गरियाबंद आज का ताजा समाचार छुरा:-आदिवासी अंचल में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के नाम पर चल रही नवापारा कोसमी की आईएसबीएम यूनिवर्सिटी छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू हो गई है अंचल के किसान ,श्रमिक के बच्चों के भविष्य पर अब प्रश्न चिन्ह लग गया है।इस यूनिवर्सिटी में आज से ऑनलाइन परीक्षा प्रारंभ हुई है किंतु सैकड़ों छात्र- छात्राएं यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के हठधर्मिता के कारण परीक्षा से वंचित हो गए क्योंकि उन्हें परीक्षा से वंचित केवल इसलिए वंचित कर दिया गया क्योंकि विद्यार्थी पूरी फीस जमा नहीं कर पाए, बहुतों को केवल इसलिए वंचित होना पड़ा कि उन्होंने मात्र दस बीस प्रतिशत शुल्क जमा नहीं कर पाए जबकि अस्सी नब्बे प्रतिशत जमा हो चुका है। श्रमिक एवं कृषक वर्ग के अध्ययनरत छात्रों को कोरोना काल के दौरान मात्र फीस के लिए परीक्षा से वंचित करना यूनिवर्सिटी की घृणित मानसिकता को दर्शाता है। वाइस चांसलर पैसे के दम पर किसी भी समस्या से अधिकारियों से निपटने की बात करते हैं।बच्चों को परीक्षा से वंचित किए जाने पर छत्तीसगढ़ श्रमिक संगठन मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष रूपनाथ बंजारे वाइस चांसलर से मिलने गए और विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित ना करने का निवेदन किया तो उन्हें दो टूक शब्दों में कह दिए कि पैसे की समस्या आपका है जब तक पूरी फीस जमा नहीं करेंगे मैं किसी भी स्थिति में किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने नहीं दूंगा। छात्रों से चर्चा के दौरान छात्र उत्तम सिन्हा बीएससी अंतिम ने बताया कि ₹11000 में से ₹6000 जमा किया जा चुका है शेष पांच रुपए जमा करने गया तो उसे 10,000 बकाया बताकर परीक्षा से वंचित कर दिया गया। छात्र महेंद्र यादव बीएससी अंतिम के पास स्मार्टफोन नहीं होने से परीक्षा से से वंचित होना पड़ जायेगा।कुमारी सुषमा साहू के ₹6000 बकाया होने के कारण वंचित किया जा रहा था जिन्होंने अपने पैसा लेकर ₹6000 जमा किया तब उन्हें आईडी पासवर्ड देकर परीक्षा में बैठाया गया अन्यथा उन्हें भी वंचित कर दिया जाता।जबकि उनके कई सहपाठी फीस नहीं जमा करने के कारण परीक्षा से वंचित हो गए बंजारे ने बताया कि ऐसे कई विद्यार्थी भी हैं जिनका फीस जमा हो चुका है उन्हें आईडी पासवर्ड नहीं दिया गया है जिससे परीक्षा से वंचित हो गए।यह के मुख्या समझते है कि कितनो आये कितनो गये ऐसे-ऐसे।यहाँ के वाइस चांसलर का बात करने का बर्ताव ठीक नहीं है जो घृणा जैसे बात करते हैं।जबकि कुलसचिव शांत स्वभाव से बात करते हैं। शासन प्रशासन से गुहार लगायी है कि ऐसे यूनिवर्सिटी पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर उचित कार्यवाही करें। नही तो आंदोलन या धरना प्रदर्शन
करेंगे। लवेश चंद्राकर जिनका द्वितीय वर्ष की अंकसूची प्राप्त नहीं हुई है उन्हें तृतीय वर्ष में परीक्षा के लिए शुल्क जमा करने बाध्य किया पश्चात उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई ।निजी यूनिवर्सिटी होने के कारण यहां कुलसचिव, वाइस चांसलर अपनी मनमानी कर रहे हैं व आदिवासी अंचल के विद्यार्थियों को कोरोना काल में भी प्रताड़ित कर रहे हैं जबकि शासन प्रशासन शिक्षा के लिए वाहवाही लूट रही हैं इधर निजी यूनिवर्सिटी वनांचल के श्रमिकों को लूटने का व्यवसाय कर रही हैं। बंजारे ने कहा.कि इस लूट पर रोक लगनी चाहिए। इस मौके पर रामनारायण साहू, महेंद्र यादव, लवेश चंद्राकर, प्रवीर नायक उपस्थित थे।तत्पश्चात रूपनाथ बंजारे ने इस संबंध में कलेक्टर महोदय को इस गंभीर समस्या के बारे में अवगत कराते हुए।शीघ्र समस्या पर संज्ञान लेने की बात कही तब कलेक्टर ने आवेदन आने पर तत्काल संज्ञान में लेने की बात कही और जांच करने का आश्वासन दिया गया।