पत्रकार कैलाश टांडे छत्तीसगढ़
बदहाली के स्कूल आरोपों का ठिकरा बदहाल के स्कूल नाम मगरलोड
धमतरी मगरलोड:- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मगरलोड में भवन की कमी वर्षो से बनी हुई है, शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले यहां विद्यालय पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जिसके लिए मगरलोड के कोई भी जनप्रतिनिधि आज तक ध्यान नहीं दिए है। वर्षों से पुराने मिडिल स्कूल के जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है विद्यार्थी। राजनीति की बात अगर किया जाए तो चुनाव का रोस्टर अभी तय नहीं हुआ है,लेकिन राजनीति के अखाड़े में कई दावेदारों की दाव पेज शुरू हो गई हैं,लेकिन शिक्षक के इस मंदिर के तरफ किसी की नजर अब तक नहीं गया है।
जिस विद्यालय की बात हो रही है उस विद्यालय की बाउंड्री वाल को कुछ समय पहले बच्चों के आने-जाने के लिए गेट लगाने के नाम पर तोड़ा गया था, लेकिन आज तक ना वहां कोई गेट लगा और ना ही कोई वहां पर रास्ता बना बल्कि जिस जगह को विद्यालय के रास्ते के लिए आरक्षित रखा गया था वह जगह पर मकान निर्माण कर दिया गया है।
अब सवाल यहां उड़ता है कि जिस बाउंड्री वाल को तोड़ा गया था और जिस बाउंड्री वॉल पर गेट लगना था वहां पर नगर पंचायत के कोई जनप्रतिनिधि का शायद नजर नहीं गया होगा।
जिस जगह पर विद्यालय का गेट लगना था उस जगह पर मकान निर्माण किसकी संरक्षण में हो गया यह सोचने वाली बात है।
इस विद्यालय के लिए लगता है की किसी भी जनप्रतिनिधि को कोई चिंता नहीं है।
इस कार्यकाल के 5 वर्ष गुजरने वाले है,वर्तमान में 5 साल तक नगर पंचायत मगरलोड अध्यक्ष प्रतिनिधि है जो इसी स्कूल से पढ़ कर निकले है,
5 वर्ष के नगर पंचायत उपाध्यक्ष भी इसी स्कूल से पढ़े है। इस विद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार
लगभग सभी पार्षद इस स्कूल से पढ़ कर निकले है फिर भी आज इस विद्यालय का कोई सुध लेने वाला नहीं है।
आखिर कब तक इस विद्यालय की जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण करेंगे यहां के विद्यार्थी यह देखने वाली बात होगी।