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Sunday, 17 November 2024

मगरलोड शहर में चोरों का आतंक बढ़ता जा रहा है, और पुलिस इन पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही हैथाना क्षेत्र में चोरों के हौसले बुलंद, पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकामसरकारी आवास में चोरी का मामला, आज 17 दिन बीत जाने के बाद भी चोर पुलिस की पहुंच से दूर नगर में चर्चा व्याप्त

 सरकारी आवास में चोरी का मामला, आज 17  दिन बीत जाने के बाद भी चोर पुलिस की पहुंच से दूर नगर में चर्चा व्याप्त

मगरलोड शहर में चोरों का आतंक बढ़ता जा रहा है, और पुलिस इन पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही हैथाना क्षेत्र में चोरों के हौसले बुलंद, पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम



पत्रकार कैलाश टांडे छत्तीसगढ़ 

धमतरी-मगरलोड कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं, पर लगता है कि नगर पंचायत मगरलोड भैंसमुंडी में यह धारणा फिट नहीं बैठती। चोर, लुटेरों ने तो अब तक यही साबित किया है। अपराधियों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि पुलिस का हर प्लान इनके सामने फेल हो रहा है। नगर में वारदातें कम नहीं हो रहीं। बदमाश आगे और पुलिस पीछे-पीछे। नगर पंचायत मगरलोड भैंसमुंडी के सरकारी आवास में हुई चोरी के बारे में आपको बता रहे हैं,जहां लक्ष्मी टांडे पति कैलाश टांडे चतुर्थ वर्ग राजस्व विभाग अस्थाई निवास वार्ड क्रमांक 4 सुभाष चंद्र बोस वार्ड नगर पंचायत मगरलोड जिला धमतरी में विभाग द्वारा आवंटित सरकारी आवास में अपनी परिवार के साथ निवास करती है। जो दिनांक 30.10.2024 दिन बुधवार करीब शाम 6:00 बजे अपनी ड्यूटी से आने के बाद दिवाली मनाने अपने परिवार पति एवं दो बच्चो के साथ अपनी पैतृक निवास ग्राम कौदकेरा जिला गरियाबंद चली।


पुनः दिवाली का त्यौहार मनाने के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने हेतु दिनांक 4.10.2024 दिन सोमवार को सुबह करीब 8:00 बजे अपने सरकारी आवास पहुंची तो पता चला की आवास  के पीछे दरवाजा टूटा हुआ था, अंदर जाने के बाद देखे तो कमरे का पूरा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ था,आवास में लगी टीवी एवं चांदी की कीमती सामान गायब था,तुरंत इसकी लिखित सूचना तहसीलदार एवं आवास से 300 मीटर की दूरी पर लगे थाना में दी गई। सूचना के तीन-चार दिन बीत जाने के बाद थाने में किया F I R हुआ है, और न ही आज तक चोर का कोई पता चल पाया है।

आपको बताते चली की जी जिस वार्ड (मोहल्ले) में चोरी हुआ है उस मोहल्ले में कई विभाग के कर्मचारी निवास करते हैं इस घटना के बाद वहां पर निवास करने वाले कर्मचारी एवं उनके परिवार सहमे हुए हैं। नगर में यहां भी चर्चा व्याप्त है कि जिस आवास में चोरी हुआ है उस आवास के पीछे कारगिल उद्यान लगा हुआ है, जिस उद्यान में आए दिन असामाजिक तत्व के गंजेड़ी, नसेड़ी छपरी लोग आए दिन इसी उद्यान में बैठकर नशा करते हैं, उद्यान को अपना अड्डा बने हुए हैं।

सरकारी आवास में हुए इस वारदात से आखिर कब उठेगी पर्दा,या फिर चोर आगे आगे और पुलिस पीछे का चलता रहेगा खेल। छोटा सा पहेली मगरलोड गर्मी की छुट्टियों के दिन याद है आपको जब दोपहर में जल्दी जल्दी सारे काम निपटाकर भाई बहनों के साथ मस्ती करने जुटती थी टोली। कागज की पर्ची बनाई एक खाली पन्ना और कलम उठाकर शुरू हो गई धमा चौकड़ी। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे खेल की जिसे सुनते ही बचपन की सारी कहानी आंखों के आगे घूमने लगती है। चोर, सिपाही, राजा और मंत्री का खेल।



लॉकडाउन में घर पर बैठे बैठे इससे रोचक खेल शायद ही हो सकता है। महज चार कागज की पर्ची में इतना रोमांच छुपा होता है। इसमें भाग्य वाला राजा बनता है तो चीटिंग करने वाले भी कई बार 1000 नंबर ले आते हैं। चोर, सिपाही, राजा और मंत्री का खेल होता बड़ा मजेदार है। चलिए आपको बताते हैं कैसे घर बैठे आप भी अपने बच्चों को इस खेल का चस्का लगा सकते हैं।


चोर, सिपाही, राजा और मंत्री का खेल चार लोगों के बीच खेला जाता है। इसमें चार कागज की छोटी छोटी पर्ची बनाई जाती है। चारों पर्चियों पर अलग अलग चोर, सिपाही, राजा और मंत्री लिखा जाता है। सबसे ज्यादा 1000 अंक राजा के पास होते हैं। मंत्री के 800 जबकि सिपाही को पास 500 अंक होते हैं। वहीं चोर को मिलता है अंडा यानी शून्य।चारों पर्चियों को हवा में उछाला जाता है और सभी खिलाड़ी एक एक पर्ची उठाते हैं। जिसके हिस्से में जो पर्ती आती है वो उसे अपने पास रखता है। मंत्री की पर्ची जिसके हाथ में होती है वो आदेश देता है सिपाही सिपाही चोर को पकड़ो। अब सिपाही की पर्ची लाने वाले को यह तय करना होता है कि चोर कौन है। उसे राजा और चोर के बीच में किसी एक को अंदाजा लगाकर बताना होता है चोर कौन है।

चोर की चतुराई से पुलिस खा जाता है चकमा



पुलिस का अंदाजा सही निकला और उसने बचा दिया कि चोर कौन है तो ठीक और जो उसने राजा को गलती से चोर बता दिया तो फिर इस गलती के लिए उसे चोर के साथ अपनी पर्ची बदलनी पड़ती है। मतलब चोर जिसे शून्य मिला था उसके पास हो जाते हैं 500 और सिपाही को मिल जाता है शून्य। कई बार चोर पर्ची देखने के बाद ऐसे चेहरा बनाता है जिससे पुलिस को राजा और चोर के बीच पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि असली चोर है कौन। 

कैसे होता विजेता का फैसला



पर्ची को उछालने का सिलसिला 10 या 15 बार तक चलता है। हर खिलाड़ी के नाम के खाने बनाए जाते हैं। हर बार चोर का फैसला होने के बाद सभी खिलाड़ियों के हाथ में आई पर्ची के नंबर उसके नाम के आगे लिखे जाते हैं। जैसे जिसको राजा की पर्ची मिली उसके नाम के साथ 1000 अंक और इसी तरह से चोर, सिपाही और मंत्री के अंक। आखिरी में सभी के अंक जोड़े जाते हैं। जिसके पास सबसे ज्यादा अंक होते हैं वो विजेता होता है।

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