!! सुनता !! " बियन्ग "
अँगना के माटी,अउ भिथिया के चाँटी
देख ना रसदा म,सब ल रेंगाये हे सँगी
बाँटे-बाँट छंदाए,नई तो दिखय हमरो आँखी.
देखना धनहा ले परिया,अगुवाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
पालक,मुरई नवलगोभी म मेथी
कईसे! बारी म सुनता मढ़ाये हवय
कोन ? तो चेथी म बटन लगाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
टुटगे रे बँबरी,नंदाये रे लासा
अशा-आशा म होगे जटा बिनाशा
कोन ? तो लेही अबतार येही माटी म..
मुँह के सथरा ल हमरो नँगाये
हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
धान,चना,मसूर गँहू हे आगु
कुकुर-बिलाई होही नोनी अउ बाबू
जेहर जिनगी के डो़री लमाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
सुवारथ रचईया ग ये कपटी भईया
मनखे ल बाँटे कड़हा-कोचरा जस छाँटे
सरगे धरम बर कतको ? मरगे करम बर
जाँति-पाँति म सब झन छँदाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
सुरुज म चँदा,चँदा संग चँदैनी
सुनता-सुमत के चढ़ाबो सरग निसैनी
कईसे छाँटय रे हमला,काबर बाँटै ग हमला ?
गाय के गोबर म अँगना लिपाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
माटी के मनखे तोला बड़ हे गुमानी
काहथे परवा जेला सुनत हे छानी
छीनभर म बादर,छीनभर म पानी
कतको ? नरधी म रेला बोहाये हवय
काबर मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
काबर ? मनखे ल मनखे...
काबर ? मनखे ल मनखे...
काबर ? मनखे ल मनखे...
गणेश्वर आजाद "गँवईंहा"
साहित्यकार
सुन्द्रावन-पलारी
बलौदाबाजार(भाटापारा)
छत्तीसगढ़
493229
अँगना के माटी,अउ भिथिया के चाँटी
देख ना रसदा म,सब ल रेंगाये हे सँगी
बाँटे-बाँट छंदाए,नई तो दिखय हमरो आँखी.
देखना धनहा ले परिया,अगुवाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
पालक,मुरई नवलगोभी म मेथी
कईसे! बारी म सुनता मढ़ाये हवय
कोन ? तो चेथी म बटन लगाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
टुटगे रे बँबरी,नंदाये रे लासा
अशा-आशा म होगे जटा बिनाशा
कोन ? तो लेही अबतार येही माटी म..
मुँह के सथरा ल हमरो नँगाये
हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
धान,चना,मसूर गँहू हे आगु
कुकुर-बिलाई होही नोनी अउ बाबू
जेहर जिनगी के डो़री लमाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
सुवारथ रचईया ग ये कपटी भईया
मनखे ल बाँटे कड़हा-कोचरा जस छाँटे
सरगे धरम बर कतको ? मरगे करम बर
जाँति-पाँति म सब झन छँदाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
सुरुज म चँदा,चँदा संग चँदैनी
सुनता-सुमत के चढ़ाबो सरग निसैनी
कईसे छाँटय रे हमला,काबर बाँटै ग हमला ?
गाय के गोबर म अँगना लिपाये हवय
काबर ? मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
माटी के मनखे तोला बड़ हे गुमानी
काहथे परवा जेला सुनत हे छानी
छीनभर म बादर,छीनभर म पानी
कतको ? नरधी म रेला बोहाये हवय
काबर मनखे ल मनखे दुरिहाये हवय...
काबर ? मनखे ल मनखे...
काबर ? मनखे ल मनखे...
काबर ? मनखे ल मनखे...
गणेश्वर आजाद "गँवईंहा"
साहित्यकार
सुन्द्रावन-पलारी
बलौदाबाजार(भाटापारा)
छत्तीसगढ़
493229