पत्रकार कैलाश टांडे
लेकिन छत्तीसगढ़ की पेरियार आदरणीय नंदकुमार बघेल ने यह आंदोलन जारी किया कि 3% लोगों के द्वारा कैसे 85% समाज पर राज कर रहे हैं यह एक सोचनीय विषय है क्योंकि 85% समाज आज भी अंधविश्वास की चक्कर में है जिसके कारण आज समाज विकसित नहीं हो रहा है हालांकि कुछ समाज आरक्षित होने के कारण थोड़ी बहुत विकास किए हैं लेकिन नहीं के समान रहे 80% अनुदान देने वाले कमार समाज की जिंदगी भी आज बदतर है। क्योंकि प्रशासनिक अमला में 3% लोगों के द्वारा डाका डाला जा रहा है जिसके कारण समाज आज पिछड़ेपन है श्री बघेल ने समाज को जगाने के लिए छत्तीसगढ़ में बड़ी एक बीड़ा उठाए हैं जिससे भयभीत होकर उनके कार्यकर्ताओं को परेशान व प्रताड़ित तथा मारने तक की कोशिश की जा रही है। इसी दरमियान गरियाबंद जिला के पक्तियां ग्राम पंचायत में आदरणीय नंदकुमार बघेल जी का कार्यक्रम रहा जिसमें उनके कर्मठ कार्यकर्ता रविशंकर बघेल जी को रांग साइड से उनकेे बाइक पर कार से भिड़त कर जान लेने कि कोशिश किया लेकिन सिर व पैर में काफी चोट लगने के बाद भी जिन्दा बचे उन्हें ठीक होने में महिनों लग सकता है।
यह एक मनु वादियों की सोची समझी साजिश रहा है क्योंकि बाबू जी के आंदोलन केवल और केवल ब्राह्मणों के खिलाफ रहा और ब्राह्मणों के खिलाफ बोलते हैं। और सत्य को ही बोलने में वह परहेज नहीं करते हैं क्योंकि सत्य हमेशा परेशान करता है लेकिन पराजित नहीं कर सकता । इसी वजह से छत्तीसगढ़ की विरोधी यों द्वारा काफी तिलमिलाए हुए हैं ताकि नंद कुमार बघेल के द्वारा चलाए गए अभियान सफल ना हो और उनकी समाज जागृत ना रहे क्योंकि पचासी प्रतिशत समाज ज्यों के त्यों रहे और हमारी राजसत्ता एवं हुकूमत चलता रहे । यदि इस तरह की आंदोलन से 85% लोग जाग जाते हैं तो इन विरोधियों की वाट लग जाएगी जिसके कारण काफी चिंतित एवं परेशान हैं और करो या मरो की स्थिति में लग चुके हैं रविशंकर बघेल ने हमेशा से ही आदरणीय नंदकुमार बघेल जी की प्रेरणा से उनकी मुहिम पर कंधे से कंधा मिलाकर संघर्षरत रहे हैं जिसके चलते विरोधियों के द्वारा सोची समझी साजिश एवं रणनीति के तहत उन्हें एक्सीडेंट कर मारने की कोशिश किए थे । लेकिन बुद्धदेव एवं बूढ़ादेव के द्वारा उनकी रक्षा सुरक्षा तथा वैज्ञानिक पद्धति उपचार किए डॉक्टरों के द्वारा उनकी जान की सुरक्षा की और प्रशासनिक आमला भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर हॉस्पिटल पहुंचाएं जिसके चलते उनकी जान बची अन्यथा उन्हें रॉन्ग साइड से आकर उन्हें कार से कुचलने की कोशिश की गई थी ।
रविशंकर बघेल के एक्सीडेंट के पता चलते ही आदरणीय नंदकुमार बघेल की कार्यकर्ता राजेंद्र भारती ने फोन से इंदर ध्रुव को जानकारी दी तब इंदर ध्रुव ने मौके पर ही पहुंच कर हॉस्पिटल पहुंचाएं और रायपुर रिफर करवाये और बड़ी संघर्ष से उनकी जान माल की सुरक्षा की अन्यथा ऐसी स्थिति बनी थी कि घटनास्थल में ही उनकी मृत्यु होने की संभावना थी।
विरोधियों के द्वारा काफी दिनों से चिन्हित चार पांच लोगों को गरियाबंद जिला में मारने व षडयंत्र पूर्वक फंसा कर प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि इनकी 85% समाज जागेंगे तो हमारी एक नहीं चलने वाली है। समाज को जगाने के लिए आदरणीय नंदकुमार बघेल जी की प्रेरणा से काफी संघर्ष कर रहे हैं और गरियाबंद जिला के लिए नंदकुमार बघेल की हाथ पैर हैं । इसे तोड़ने में अति आवश्यक षंडयंत्र रचि जा है रविशंकर बघेल जैसे ही 4,5 और कार्यकर्ता हैं जिनको साजिश की तहत घटना को कभी भी अंजाम दे सकते हैं यह संघर्ष विचारधारा की लड़ाई है लेकिन युद्ध स्तर पर इस तरह से लड़ने में लग गए हैं नंदकुमार बघेल की कार्यकर्ता को इस तरह से सबक सिखाएं जाने के लिए हथकंडा अपना रहे हैं और साजिश के तहत एक्सीडेंट किया जा रहा है ताकि उनके कार्यकर्ताओं की मनोबल कमजोर हो और उनकी आंदोलन एवं मुहिम असफल रहे और हमारी वर्चस्व बना रहे जिससे हम सफलता की ओर रहें और उनके एक भी कार्यकर्ता ना बने इसी विचारधारा से विरोधियों के द्वारा उनके कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं। ताकि भविष्य में यह आंदोलन बड़ा होकर समाज को पूर्ण रूप से जागृत ना कर सके जिससे एसटी एससी ओबीसी समाज ज्यों के त्यों रहे। विरोधियों के द्वारा अनेक प्रकार से हथकंडा अपना रहे हैं किसी को परिवारिक लड़ाई में जुझा रहे हैं और लड़ाई में लड़वा रहे हैं। परिवार के साथ हमेशा लड़ते हैं और इस तरह के आंदोलन में सहभागी ना लें एवं अन्य लोगों को किसी न किसी तरह से लड़ा जुझाकर उनकी आंदोलन एवं मुहिम को दबाने व कुचलने में लगे हुए हैं।
विरोधियों ने यहां तक भी साजिश रच डाले हैं कि इस तरह से आंदोलन करने वालों को खत्म किया जा सके इसी कड़ी में श्री रविशंकर बघेल की एक्सीडेंट भी एक बड़ी सोची समझी साजिश है इसमें पूर्ण रूप से विरोधियों के द्वारा रणनीति के तहत एक्सीडेंट किया गया है।
छत्तीसगढ़ गरियाबंद मैनपुर बतादे की लोकतंत्र का चौथे स्तभ कहे जाने वाले मीडिया न्युज रिपोर्ट पर जानलेवा हमला करना एवं साथ ही साथ उनका
रायपुर छत्तीसगढ़ की पेरियार माननीय श्री नंदकुमार बघेल से भयभीत हो रहे हैं मनुवादी संगठन क्यों की छत्तीसगढ़ की दशा और दिशा को बदलने में बहुत पहले से ही लगे हुए हैं आदरणीय नंदकुमार बघेल जी जिसके चलते एसटी एससी ओबीसी समाज काफी जागरूक हो चुके हैं क्योंकि यह समाज त्रेता युग द्वापर सतयुग एवं अन्य युगों में से काफी प्रताड़ित रहे हैं जिसके चलते आज तक यह समाज ना तरक्की कर पाया ना ही इनकी विकास हुई क्योंकि यह समाज छत्तीसगढ़ की बहुसंख्यक समाज है उसके बाद भी 3% लोगों के द्वारा मालिक बनकर राज करने की परंपरा चली आ रही है। बड़ी आंदोलन करने में डॉ खूबचंद बघेल काफी मेहनत किए और संघर्ष किए लेकिन मनु वादियों के द्वारा समाज को पंगु बनाने के लिए तरह-तरह की गुमराह कर रहे हैं कभी धर्म के नाम पर थोपे जा रहे हैं कभी धंधा के नाम पर थोपे जा रहे हैं कभी जातिवाद कभी पाखंडवाद कभी मनुवादियों ने छत्तीसगढ़ को हमेशा से ही गुलाम बनाकर रखने की कोशिश है छत्तीसगढ़ में जब जब प्रशासन में अधिकारी कर्मचारी रहे हैं वह केवल छत्तीसगढ़ की बाहर से ही रहे हैं। वह भी केवल 3% लोगों की ही दबदबा रही है शर्मा, मिश्रा, पांडे, द्विवेदी, त्रिवेदी इत्यादि लोगों ने प्रशासन पर कब्जा जमा कर रखे हुए हैं जो आज तक प्रशासनिक कब्जा बनाए हुएलेकिन छत्तीसगढ़ की पेरियार आदरणीय नंदकुमार बघेल ने यह आंदोलन जारी किया कि 3% लोगों के द्वारा कैसे 85% समाज पर राज कर रहे हैं यह एक सोचनीय विषय है क्योंकि 85% समाज आज भी अंधविश्वास की चक्कर में है जिसके कारण आज समाज विकसित नहीं हो रहा है हालांकि कुछ समाज आरक्षित होने के कारण थोड़ी बहुत विकास किए हैं लेकिन नहीं के समान रहे 80% अनुदान देने वाले कमार समाज की जिंदगी भी आज बदतर है। क्योंकि प्रशासनिक अमला में 3% लोगों के द्वारा डाका डाला जा रहा है जिसके कारण समाज आज पिछड़ेपन है श्री बघेल ने समाज को जगाने के लिए छत्तीसगढ़ में बड़ी एक बीड़ा उठाए हैं जिससे भयभीत होकर उनके कार्यकर्ताओं को परेशान व प्रताड़ित तथा मारने तक की कोशिश की जा रही है। इसी दरमियान गरियाबंद जिला के पक्तियां ग्राम पंचायत में आदरणीय नंदकुमार बघेल जी का कार्यक्रम रहा जिसमें उनके कर्मठ कार्यकर्ता रविशंकर बघेल जी को रांग साइड से उनकेे बाइक पर कार से भिड़त कर जान लेने कि कोशिश किया लेकिन सिर व पैर में काफी चोट लगने के बाद भी जिन्दा बचे उन्हें ठीक होने में महिनों लग सकता है।
यह एक मनु वादियों की सोची समझी साजिश रहा है क्योंकि बाबू जी के आंदोलन केवल और केवल ब्राह्मणों के खिलाफ रहा और ब्राह्मणों के खिलाफ बोलते हैं। और सत्य को ही बोलने में वह परहेज नहीं करते हैं क्योंकि सत्य हमेशा परेशान करता है लेकिन पराजित नहीं कर सकता । इसी वजह से छत्तीसगढ़ की विरोधी यों द्वारा काफी तिलमिलाए हुए हैं ताकि नंद कुमार बघेल के द्वारा चलाए गए अभियान सफल ना हो और उनकी समाज जागृत ना रहे क्योंकि पचासी प्रतिशत समाज ज्यों के त्यों रहे और हमारी राजसत्ता एवं हुकूमत चलता रहे । यदि इस तरह की आंदोलन से 85% लोग जाग जाते हैं तो इन विरोधियों की वाट लग जाएगी जिसके कारण काफी चिंतित एवं परेशान हैं और करो या मरो की स्थिति में लग चुके हैं रविशंकर बघेल ने हमेशा से ही आदरणीय नंदकुमार बघेल जी की प्रेरणा से उनकी मुहिम पर कंधे से कंधा मिलाकर संघर्षरत रहे हैं जिसके चलते विरोधियों के द्वारा सोची समझी साजिश एवं रणनीति के तहत उन्हें एक्सीडेंट कर मारने की कोशिश किए थे । लेकिन बुद्धदेव एवं बूढ़ादेव के द्वारा उनकी रक्षा सुरक्षा तथा वैज्ञानिक पद्धति उपचार किए डॉक्टरों के द्वारा उनकी जान की सुरक्षा की और प्रशासनिक आमला भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर हॉस्पिटल पहुंचाएं जिसके चलते उनकी जान बची अन्यथा उन्हें रॉन्ग साइड से आकर उन्हें कार से कुचलने की कोशिश की गई थी ।
रविशंकर बघेल के एक्सीडेंट के पता चलते ही आदरणीय नंदकुमार बघेल की कार्यकर्ता राजेंद्र भारती ने फोन से इंदर ध्रुव को जानकारी दी तब इंदर ध्रुव ने मौके पर ही पहुंच कर हॉस्पिटल पहुंचाएं और रायपुर रिफर करवाये और बड़ी संघर्ष से उनकी जान माल की सुरक्षा की अन्यथा ऐसी स्थिति बनी थी कि घटनास्थल में ही उनकी मृत्यु होने की संभावना थी।
विरोधियों के द्वारा काफी दिनों से चिन्हित चार पांच लोगों को गरियाबंद जिला में मारने व षडयंत्र पूर्वक फंसा कर प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि इनकी 85% समाज जागेंगे तो हमारी एक नहीं चलने वाली है। समाज को जगाने के लिए आदरणीय नंदकुमार बघेल जी की प्रेरणा से काफी संघर्ष कर रहे हैं और गरियाबंद जिला के लिए नंदकुमार बघेल की हाथ पैर हैं । इसे तोड़ने में अति आवश्यक षंडयंत्र रचि जा है रविशंकर बघेल जैसे ही 4,5 और कार्यकर्ता हैं जिनको साजिश की तहत घटना को कभी भी अंजाम दे सकते हैं यह संघर्ष विचारधारा की लड़ाई है लेकिन युद्ध स्तर पर इस तरह से लड़ने में लग गए हैं नंदकुमार बघेल की कार्यकर्ता को इस तरह से सबक सिखाएं जाने के लिए हथकंडा अपना रहे हैं और साजिश के तहत एक्सीडेंट किया जा रहा है ताकि उनके कार्यकर्ताओं की मनोबल कमजोर हो और उनकी आंदोलन एवं मुहिम असफल रहे और हमारी वर्चस्व बना रहे जिससे हम सफलता की ओर रहें और उनके एक भी कार्यकर्ता ना बने इसी विचारधारा से विरोधियों के द्वारा उनके कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं। ताकि भविष्य में यह आंदोलन बड़ा होकर समाज को पूर्ण रूप से जागृत ना कर सके जिससे एसटी एससी ओबीसी समाज ज्यों के त्यों रहे। विरोधियों के द्वारा अनेक प्रकार से हथकंडा अपना रहे हैं किसी को परिवारिक लड़ाई में जुझा रहे हैं और लड़ाई में लड़वा रहे हैं। परिवार के साथ हमेशा लड़ते हैं और इस तरह के आंदोलन में सहभागी ना लें एवं अन्य लोगों को किसी न किसी तरह से लड़ा जुझाकर उनकी आंदोलन एवं मुहिम को दबाने व कुचलने में लगे हुए हैं।
विरोधियों ने यहां तक भी साजिश रच डाले हैं कि इस तरह से आंदोलन करने वालों को खत्म किया जा सके इसी कड़ी में श्री रविशंकर बघेल की एक्सीडेंट भी एक बड़ी सोची समझी साजिश है इसमें पूर्ण रूप से विरोधियों के द्वारा रणनीति के तहत एक्सीडेंट किया गया है।